जीवाणु: मित्र और शत्रु (Bacteria: Friend and foe)
परिचय क्या सभी जीवाणु हानिकारक होते है ? हमारे जीवन में इनकी क्या अच्छे और हानिकारक पहलु है जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे । जीवाणुओं की खोज1. लाभदायक जीवाणु ( Friend bacteria )2. हानिकारक जीवाणु ( Foe bacteria ) परिचय टाइफाइड, मलेरिया, कालाजार, क्षय रोग आदि जैसे घातक रोगों से प्रतिदिन हजारो लोग मौत के मुहं में चले जाते है । विश्व में अधिकांश मौतों के कारण भी यही जीवाणु है । जीवाणु हर जगह पाए जाते है, हवा, पानी, धरती के उपर , धरती के नीचे, हमारे शरीर पर शरीर क्र भीतर , यहाँ तक की हमारे भोजन में भी पाए जाते है । क्या सभी जीवाणु हानिकारक होते है ? हमारे जीवन में इनकी क्या अच्छे और हानिकारक पहलु है जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे । जीवाणुओं की खोज जीवाणुओं की खोज आज से करीब-करीब 300 साल वर्ष पहले माइक्रोस्कोप के आविष्कार के साथ प्रारंभ हो गयी थी । लेकिन उस समय तक उनका वर्गीकरण नही हो सका था । रोगाणुओं का स्वरूप 1850 ई. में लुई पास्चर ने निर्धारित किया । इनकी खोज से संसार भर के वैज्ञानिकों , डॉक्टरों और बुद्धिजीवियों में खलबली मच गयी और सभी रोगों की कारणों की जाँच पड़ताल होने लगी, अलग-अलग प्रकार के कीटाणुओं की तलाश होने लगी रोगों को उत्पन्न करने वाले जीवाणुओं को खोज निकाला गया । और उन्हें शरीर से मर भगाने के लिए प्रयास आरम्भ क्कर दिया गया । जीवाणु आकर में इतने छोटे होते है की 1 इंच के स्थान पर 25000 जीवाणु रह सकती है । एक सुई के नोक पर सैकड़ो जीवाणु ठहर सकते है । और 1 ग्राम मिटटी में 40 million जीवाणु रह अकते है । जीवाणुओं में नर और मादा का भेद नही होता और ना नही अपनी संख्या में वृद्धि के लिए इन्हें सहवास की आवश्यकता होती है । इस प्रकार के जीव में वृद्धि एक से दो , दो से चार और चार से आठ के क्रम में होती रहती है । आधा से एक घंटे में जीवाणु फट कर दो हो जाते है । यदि एक घंटे में इस क्रम को दो माना जाए तो 24 घंटे में 1 कीटाणु 1 करोड़ 64 लाख से अधिक हो जाते है । यदि आधा घंटे में विभाजन होता हो तो 3 quadrillion हो जाते है । जीवाणु को सूर्य का प्रकाश और ऑक्सीजन नही भाता है । मुर्दों, सड़े स्थानों, अँधेरे, असुद्ध वायु और साधारण वायुमंडल लगभग 60 से 100 फ़ारेनहाइट में तीव्रता से वृद्धि करते है । जीवाणुओं को दो भागों में बाटा जाता है । लाभदायक जीवाणु ( Friend bacteria ) शत्रु या हानिकारक जीवाणु ( foe bacteria ) 1. लाभदायक जीवाणु ( Friend bacteria ) मित्र जीवाणुओं ( Friend bacteria ) से दूध से दही बनता है, पनीर बनता है, आटे में खमीर उठता है, सिरका और अल्कोहल जैसी वस्तुए बनती है । कई प्रकार के ऐसे जीवाणु है जो कृषि में सहयोग करते है । और सबसे से बड़ी बात आज कल जिस दवा के कारण दुनिया भर के लोगो…