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माइग्रैन एक प्रकार का आवेगी सिर दर्द है जो बहुधा एक ही परिवार के कई सदस्यों को होता है । माइग्रैन की कई विशिष्टताएं होती है, लेकिन यह जरूरी नहीं है की इस रोग से पीड़ित सभी व्यक्तियों मे ये विशिष्ट लक्षण हो।
नैदानिक लक्षण (Clinical Feature)
- सिरदर्द प्रायः दर्द के दौरे के पूर्वाभास (Aura) से होता है. इसके अंतर्गत दृष्टि संबंधी गड़बड़ी के साथ रोशनी की तेज चमक विभिन्न रंगों की आड़ी-टेढ़ी लहरें दिखना, पा दृष्टि में आंशिक कमी; या चेहरे या शरीर के एक तरफ वाले भाग में सुत्रपन या झुनझुनी होने का संवेदन महसूस होना सम्मिलित है. दर्द के दौरे का यह पूर्वाभास करीब आधे घंटे तक रहता है और इसके बाद सिरदर्द होता है.
- सिरदर्द प्रायः धड़कनयुक्त होता है जो सिर के एक तरफ ज्यादा (आधा सिरदर्द) और बहुधा भूख में कमी, जी मितलाने एवं उलटियां होने से सम्बन्धित होता है. यह सिरदर्द कई घंटों या कभी-कभी कई दिनों तक हो सकता है.
- माइग्रेन के दौरे अत्यधिक कार्य या तनाव के बाद आराम के क्षणों में, विशेषतः सप्ताहांत में होने की संभावना ज्यादा रहती है.
- विभिन्न रोगियों में माइग्रेन के दौरे भिन्न-भिन्न प्रेरक पहलुओं द्वारा उत्तेजित होते हैं. कुछ भोज्य-पदार्थ (जैसे चॉकलेट्स, पनीर, शराब); कुछ दवाइयां (जैसे गर्भनिरोधक गोलियाँ); तेज रोशनी; अत्यधिक व्यायाम; भावनात्मक गड़बड़ी या रजोधर्म के पूर्व का तनाव माइग्रेन के दौरे को बढ़ा सकते हैं.
कारण (Cause)
ऐसा सोचा जाता है कि माइग्रेन प्रमस्तिष्कीय रक्तवाहिकाओं में होने वाले परिवर्तनों के कारण होता है. दर्द के दौरे की अवस्था में ये रक्तवाहिकाएँ संकुचित होकर सँकरी हो जाती हैं जबकि धड़कनयुक्त सिरदर्द रक्तवाहिकाओं के इसके बाद होने वाले विस्तारण और पूर्ण रूप से भर जाने से सम्बन्धित रहता है.
माइग्रेन से पीड़ित व्यक्तियों को यह सीख लेना चाहिये कि माइग्रेन के दौरे को बढ़ाने वाले संभावित प्रेरक पहलू कौनसे हैं और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है.
उपचार
इसका उपचार प्रायः प्रोप्रानोलॉल नामक दवा से की जाती है यह रोगी उम्र और स्थिति के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। और साधारण घरेलू उपचार से जब राहत ना मिले तब अपने डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए किसी भी दवा का सेवन स्वं से नहीं करना चाहिए