Antibiotic क्या है? इसकी खोज किसने की , pre-antibiotic era मे संक्रमण का इलाज कैसे किया जाता था?

















  1. रक्त निकासी (Bloodletting): यह एक प्राचीन उपचार विद्धि  थी जो लगभग 3000 वर्षों तक चली। इसमें शरीर से इंफेकटेड ब्लड  की निकासी की जाती थी, जिसमें यह  माना जाता था कि यह विद्धि  हानिकारक रोगाणुओं को बाहर निकाल देता है। यह तभी किया जाता था जब रोगी के शरीर में अधिक रक्त होता था। और इसमे मृत्यु की सभावना बनी रहती थी। Bloodletting के लिय खास जगह पर एक चिरा लगाकर शरीर दूषित रक्त को बाहर निकाल दिया जाता था।
  2. जोंक चिकित्सा (Leech Therapy) एक प्राचीन उपचार विधि है जिसमें जोंक (लीच) का उपयोग किया जाता है। इस थेरेपी में जोंक को शरीर के परेशानी वाले भाग पर रखा जाता है, और जब ये जोंक इंसान का  खून पीती है, तो एक प्रकार की लार छोड़ती है। यह लार रोगी की  परेशानी को ठीक करने में मदद करती है।
  3. जोंक चिकित्सा का उपयोग प्राचीन मिस्र के समय से ही किया जा रहा है। तब से अब तक, जोंक का उपयोग तंत्रिका तंत्र की परेशानी, दांतों की समस्याएँ, त्वचा रोग और संक्रमण के उपचार में किया जाता रहा है।
  4. जड़ी-बूटियाँ और कवक (Herbs and Molds): कुछ प्राचीन सभ्यताएं संक्रमण के इलाज के लिए जड़ी-बूटियों और मोल्डस  का उपयोग करती थीं। उदाहरण के लिए, प्राचीन मिस्रियों ने संक्रमित घावों पर मोल्डस  लगाया करते थे
  5. शहद (Honey ) प्राचीन समय में लोग घाव पर शहद भी लगाया करते थे । क्योंकि इसमें ऐन्टीबैक्टीरीयल गुण पाए जाते है
  1. किसी भी प्रकार के Antibiotic का आवश्यकता से अधिक उपयोग
  2. बिना वजह उपयोग
  3. खुद से ही इलाज करने लग जाना
  4. अति-खुराक
  5. पुराने पुर्जे पर फिर से वही दवा का सेवन करने लग जाना बिना किसी डॉक्टर के सलाह के
  6. पोल्ट्री फार्मों मे एंटिबयोटिक्स का उपयोग
  7. थोड़ी सी सर्दी खांसी होने पर antibiotic के पीछे भागने लगना , सबसे अच्छा उपाय आप अपने डॉक्टर को तय करने दे क्या करना है। और किसी अच्छे से डॉक्टर से अपना इलाज करवाना , हर मर्ज की दवा एंटिबयोटिक्स नहीं होती

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