हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) क्या है? – What is Hypertension (High Blood Pressure) in Hindi?
महाधमनी एवं उनकी मुख्य शाखाओं मे रक्त के प्रवाह का दबाव रक्त चाप (blood pressure) कहलाता है।
महाधमनी एवं उनकी मुख्य शाखाओं मे रक्त के प्रवाह का दबाव रक्त चाप (blood pressure) कहलाता है।
अतिसार को अंग्रेजी में 'डायरिया' तथा बोलचाल की भाषा में 'दस्त होना' कहा जाता है। रोग परिचय- गुदा मार्ग से जब बहुत से मल का बार-बार परित्याग होना 'अतिसार कहलाता है। इसमें मल पतला होकर बार-बार बड़ी मात्रा में आता है। 'Acute Diarrhoea is defined an increase in the fluidity and volume of stool." परिभाषा - दस्त का अधिक बार होना, अधिक पतला होना तथा अधिक मात्रा में होना अतिसार कहलाता है (!ncrease in frequency (ie thrice daily) liquidity and amount (ie>200gm/d) is known as diarrhoea) जब खाया हुआ भोजन आमाशय पचा नहीं पाता है तब वह अनपचे खाने के साथ जो [अटलर दस्त आते हैं, उनको की अतिसार diarrhea कहा जाता है।
UCLA के नए स्वास्थ्य अध्ययन से पता चला है की कुंडलिनी योग से महिलाओं मे बढ़ती उम्र मे स्मृति और अल्जाइमर-डेमेंशिया का खतरा कम हो जाता है। 15 साल चले इस स्वास्थ्य अध्ययन मे शोधकर्ताओं ने योग और स्मृति सुधार मे एक तुलनात्मक अध्ययन किया जिसमें उन्होंने पाया की वास्तव मे योग स्मृति सुधार और अल्जाइमर-डेमेंशिया के खतरा को कम करता है इस अध्ययन का नेतृत्व किया डॉक्टर हेलेन Lavretsky ने इस शोध को Neuroscience and Human Behavior के अंतर्गत किया गया । पता लगाने की कोशिश की गई की शुरुआती अल्जाइमर-डेमेंशिया का योग से क्या प्रभाव पड़ता है । महिलाओं मे पुरुषों के मुकाबले अल्जाइमर-डेमेंशिया का खतरा ओगुण ज्यादा होता है इसके कई कारक है जैसे की लंबी आयु की चाहत, estrogen का बदलाव, menopause और आनुवंशिकी शामिल है । महिलाएं दैनिक जीवन मे पुरुषों के मुकाबले ज्यादा मानसिक दवाब सहती है जिनसे उनकी बढ़ती उम्र मे अल्जाइमर-डेमेंशिया का खतरा भी बढ़ता जाता है । इस नए अध्ययन मे 50 साल से अधिक उम्र की 60 महिलाओं ने भाग लिया जिनमे 30 महिलाओं ने कभी अल्जाइमर-डेमेंशिया को महसूस किया था । महिलाओं को दो समूह मे विभाजित किया गया, एक ग्रुप को साप्ताहिक कुंडलनी योग 12 सप्ताह तक कराया गया जबकि दूसरी समूह को स्मृति विकास की तैयारी करवाई गई, समानतार समय में उन्हे इससे जुड़े कुछ गृह कार्य भी दिए गए । कुंडलिनी योग मुद्रा एक प्रकार का योग है जिसमें जप, गायन, श्वास व्यायाम और आसन शामिल हैं। पहले समूह का 12 सप्ताह बाद ब्लड टेस्ट , MRI स्कैन किया गया इस समूह की महिलाए अल्जाइमर-डेमेंशिया से ग्रसित थी । उनमे सकारात्मक सुधार पाया गया जबकि दूसरी समूह की महिलों मे जो की इस रोग से ग्रस्त नहीं थी उन्हे स्मृति सुधार जैसे कार्य करवाए गए थे उनके मुकाबले पहली समूह की महिलाओं को अधिक लाभ हुया था । अतः कहा जा सकता है की योग बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में अल्जाइमर-डेमेंशिया खतरा को कम करता है और बुढ़ापा सूजन जैसे लक्षणों को कुछ हद तक रोकने में कारगर है ।
शुक्राणु की कमीपरिणाम घातक होने पहले निम्न सुधार कर लेंडाबर शिलाजीत गोल्ड कैप्सूलमन्मथ रस और बंग भस्ममूसली पाकइन सारी औषधियों का सेवन अवधि कम से कम 3 महीने हैशुक्रणी की कमी का पता कैसे चलता है शुक्राणु की कमी इसे पुराने ज़माने से चली आ रही परेशानी कहें या आधुनिक जीवन शैली की वजह से आया विकार, पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी आजकल आम हो गयी है. इसे शहर की सड़कों से बाहर नामर्दी की अचूक दवा बेचने वाले वज्ञापनों की अधिकता में भी समझा जा सकता है. कम शुक्राणु होने को ओलीगोस्पर्मिया कहते हैं. आगे वीर्य में एक भी शुक्राणु नहीं हा तो इसे एजूस्पर्मिया कहते हैं. कम स्पर्म वाले पुरुष अपने साथी को गर्भवती नहीं कर पाते या इसमें उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कम शुक्राणु का क्या असर पड़ता है , सीधा और साफ सरल शब्दों मे पुरुष के कम शुक्राणु के कारण पिता बनने परेशानी आती है । और शराणुओं की कमी किसी भी कारण से हो सकती है , जिनमें शराब और किसी भी माध्यम मे तंबाकू का सेवन हो सकता है , अंडकोश मे गंभीर चोट भी इस परेशानी का सबब बन सकता है । और सबसे बड़ा कारण हस्तमैथुन हो सकता है जब इसे अधिक मात्रा मे किया जाए किसी भी चिज की अति सदैव हानिकारक होता है । एक निश्चित अंतराल मे इसके कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है लेकिन कोई जब अति यानि की बिना हस्तमैथुन के रह ही ना पाए । दिनभर कामुक विचार हुड़दंग मचाते रहे , और समय मिलते ही अश्लील वीडियो और फिर हस्तमैथुन दिन मे अनेकों बार इस क्रिया को करने के बाद आत्मग्लानि के साथ हीनता घर कर जाती है । विचारों मे धूमिलता आती है । स्पर्म काउंट कम होने के कुछ अन्य कारण निम्नलिखित हैं : वृषण से निकलने वाली नसों में ज़ब सूजन हो जाता है तो शुक्राणु की कमी हो सकती है. इसके अलावा यौन आधारित संक्रमण, नशे और तनाव की वजह से शुक्राणु की संख्या में कमी हो सकती है. यदि किसी व्यक्ति में स्खलन की समस्या है तो इससे भी स्पर्म काउंट में कमी आ सकती है. लंबे समय तक साइकिल चलाने से भी वीर्य में स्पर्म की कमी हो सकती है. ऐसा नहीं है कि इस विकार को दूर नहीं किया जा सकता. अगर कुछ चीज़ेँ तय कर ली जाएँ, तो निश्चित रूप से वीर्य में शुक्राणु की कमी को पूरा किया जा सकता है. अगर आप नीचे दिए नुस्खे अपनाते हैं तो शुक्राणु की कमी की समस्या से निजात पा सकते हैं. धूम्रपान एकदम न करें. यह स्पर्म काउंट कम होने की बड़ी वजह है. पुरुषों में धूम्रपान की आदत आम है और इसी वजह से स्पर्म में कमी भी पुरुषों में आम है. परिणाम घातक होने पहले निम्न सुधार कर लें सबसे पहले अपने सोने और जागने के समय को निर्धारित करें । सोने से 40 मिनट पहले अपने मोबाईल को अपने से दूर कर दे । और कोई अच्छा सा साहित्य पढे । कोशिश करे कोई भी अश्लील…
Diclofenac एक दर्द और सूजन कम करने वाली दवा है जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों के दर्द और अस्थियों के दर्द को कम करती है। इसके अलावा यह निम्नलिखित दर्द को कम करने के काम आती है:
स्टडी रूटीन के लिए डाइट प्लान:खाने-पीने की आदत खराब है तो बिगड़ सकता है पढ़ाई का शेड्यूल, आखिरी 15 दिन अपनाएं ये डाइट प्लान, न थकान होगी और न बेचैनी
Metabolism इक्स्शरीर मे वृद्धि और नए निर्माण के लिए के लिए लगने वाली ऊर्जा के लिए उपयोग होने वाले पोषक तत्वों के लिए शरीर मे जो निरंतर रासायनिक अभिक्रियाएं होती रहती है , उन्हे चयापचय Metabolism कहते है। प्लैन इन हिन्दी:
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