उच्च रक्तचाप के कारण (Causes of Hypertenstion)
उच्ब रक्तचाप से पीड़ित अधिकांश रोगियों में उच्च रक्तचाप का कोई स्पष्ट कारण नहीं पाया जाता है. इस प्रकार के उच्च रक्तचाप को मुख्य उच्च रक्तचाप (Essential Hypert tension) कहते हैं.
कुछ प्रकार की गुर्दीय बीमारियाँ अधिक रक्तदबाव पैदा करती हैं, विशेष रूप से दीर्घ नेफ्राइटिस या पाइलोनेफ्राइटिस फलस्वरूप युवा व्यक्तियों में उच्च रक्तचाप की उपस्थिति के कारण गुर्दों और उनके कार्य के जाँच-परीक्षण करना जरूरी है. उच्ब रक्तचाप भी गुर्दों को क्षति पहुँचा सकता है, अतः कभी-कभी यह ज्ञात करना मुश्किल हो जाता है कि पहले अधिक रक्तदाब पैदा हुआ या गुर्दीय बीमारी.
कुछ अंतःस्रावी विकार (Endocrine Disorders) भी उच्च रक्तचाप पैदा कर सकते हैं. फीओक्रोमोसाइटोमा एड्रीनल मेड्युला का एक ट्यूमर है (देखिये अध्याय 14) जो अत्यधिक मात्रा में एड्रीनॅलिन पैदा करता है और रक्त दबाव बढ़ जाता है. कुशिंग संलक्षण (Cushing’s Syndrome) में अत्यधिक कॉर्टिसोन के कारण लवण एवं द्रव की रुकावट हो जाती है, जिससे उच्च रक्तचाप पैदा हो जाता है. इसलिये हालांकि उच्च रक्तचाप के अधिकांश मामलों में अन्य असामान्यताएँ नहीं पाई जाती हैं फिर भी संभावित कारणों का पता लगाने के लिये कभी-कभी जाँच परीक्षण करना आवश्यक होता है.
रोगात्मक परिवर्तन (Pathology) : धमनियों में अधिक दबाव होने से कई प्रभाव होते है तथा अधिकांश गंभीर होते हैं.
- हृदय का बायां निलय बढ़ जाता है और अतिवृद्धि हो जाती है ताकि धमनियों में अतिरिक्त दबाव का प्रतिकार हो सके. अंततः यदि तनाव अधिक गंभीर हो जाता है तो हृदय इसको सहन नहीं कर सकता है और हृदयाघात पैदा हो जाता है.
- बढ़े हुए दबाव के कारण गुर्दीय धमनियाँ मोटी एवं संकरी हो जाती हैं जिससे गुर्दों में कम रक्त-पूर्ति होने लगती है. अतः गुर्दीय कार्य कम हो जाते हैं और दीर्घ गुर्दीय विफलता (यूरीमिआ) हो सकती है.
- अधिक रक्तदबाव से सामान्यतया कुछ धमनियों की फटन हो जाती है, विशेषतः प्रमस्तिष्कीय धमनियों में; फलस्वरूप प्रमस्तिष्कीय रक्तस्राव (Cerebral Haemorrhage) (रक्तमूर्च्छा या आघात) हो जाता है.
- निरन्तर बढ़े हुए दबाव से धमनियों में स्क्लीरोटिक परिवर्तनों को बढ़ावा मिलता है, परिणामस्वरूप उच्चरक्तचाप के साथ सामान्यतः एन्जाइना पेक्टोरिस, कॉरोनरी थ्रॉम्बोसिस एवं प्रमस्तिष्कीय थ्रॉम्बोसिस हो सकते हैं.
उच्च रक्तचाप के प्रभाव
उच्च रक्तचाप के लगातार प्रवाह के कारण शरीर की अत्यंत महीन रक्त केशिकाए फट सकती है और अंदुरुणी रक्त का बहाव भी हो सकता है । यह अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्या लेकर आता है जैसे हृदय आघात